सनातन धर्म स्थल

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स्थल की जरूरत क्यों?

सनातन धर्म, हिंदुओं का मूल आधार दर्शनशास्त्र है। सनातन धर्म ने, पंथों और सम्प्रदायों (यानि यहूदी, पारसी, जैन, बौद्ध, ईसाई, इस्लाम, स्वामीनारायण, आर्य समाज, साई बाबा इत्यादि) के उभरने की वजह से, हजारों वर्ष में अपने आप को खो दिया जबकि इन सभी पंथों व सम्प्रदायों ने किसी ना किसी रूप में सनातन शास्त्रों से ज्ञान लिया है। साथ ही साथ हिन्दू भी पीढ़ी दर पीढ़ी सनातन धर्म ज्ञान को ट्रांसफर करने में असफल रहे। आज यह ज्ञान लगभग खो चुका है। हिन्दुओं ने द

हिन्दू आज बिखरा हुआ है और जाति, पंथों और सम्प्रदायों में बट गया और मूल आधार सनातन धर्म को भूल गया। इस कारण विदेशी पंथों ने हर किस्म के हथकंडे अपनाकर हिन्दुओं का धर्मांतरण कराया। हिन्दुओं को हजारों वर्ष की गुलामी का सामना करना पड़ा। सनातन धर्म का पुनरुत्थान आज की जरूरत है जिससे हिंदुओं को एकजुट और सनातन ज्ञान को ट्रांसफर किया जा सके। यह चरित्र निर्माण और मूल्यों को ग्रहण करने में मील का पत्थर होगा और हिन्दुओं के अस्तित्व को विदेशी पंथों से बचाएगा।<

कुछ पश्चिमी प्रभावशाली व्यक्तियों के बयान

“हिंदुत्व और हिन्दू एक दिन इस विश्व पर राज करेंगे क्योंकि यह ज्ञान और बुद्धिमत्ता का मिश्रण है।”
लियो टॉलस्टॉय (1828 - 1910)

​“कितनी पीढ़ियां कत्लों और अत्याचारों को झेलेंगी जब तक हिंदुत्व अच्छी तरह से समझा नहीं जाता। लेकिन एक दिन विश्व हिंदुत्व से प्रेरित होगा। सिर्फ उस दिन यह विश्व मानव के रहने और जीने का स्थान बनेगा।“
हर्बर्ट वेल्स (1846 - 1946)

“​आज नहीं तो एक दिन हमें हिंदुत्व को स्वीकार करना होगा क्योंकि यही सच्चा धर्म है।”
​जोहनन कीथ (1749-1832)

“​मैंने हिंदुत्व को पढ़ा है। मैं अनुभव करता हूँ कि यह धर्म विश्व की मानवता के लिए है। हिंदुत्व का फैलाव सारे यूरोप में हुआ। बहुत से विद्द्वान जो हिंदुत्व पढ़ रहे है यूरोप में उभरेंगे। एक दिन ऐसी वरवस्था ​पैदा होगी की हिन्दू विश्व का नेतृत्व करेंगे।”
बरट्रैंड रसल (1872 - 1970)

“​एक दिन विश्व हिंदुत्व को स्वीकार करेगा। हिंदुत्व के सच्चे रूप को स्वीकारने से इंकार करने वाले ही इसके सिद्धांतों को स्वीकार कराएंगे। पश्चमी देश एक दिन निश्चित रूप से हिंदुत्व में धर्मांतरण करेंगे। शिक्षितों का धर्म हिंदुत्व के बराबर है।”
बर्नार्ड शॉ (1856 - 1950)

हिन्दू, इन पश्चिमी प्रभावशाली व्यक्तियों की भावनाओं को पूरा करने में असफल रहे और सनातन धर्म का केंद्रीय स्थान बनाने में बहुत देर कर दी। ये कहा गया है कि देरी, कभी नहीं से बेहतर है।आओ अब हम सब मिलकर केंद्रीय सनातन धर्म स्थल का निर्माण करें और इस देरी को खत्म करें।

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स्थल क्या है?

पीडीएफ प्रस्तुति पढ़ने वाले को परियोजना का पूरा प्रारूप देगी।

उद्देश्य

सनातन धर्म का पुनरुत्थान करना।

सनातन धर्म की जानकारी का प्रसार करना।

​हिन्दू परंपराओं, त्यौहारों, रीती-रिवाजों, पूजा और प्रार्थना पद्धतियों को ​कारगर बनाना।

सभी हिंदुओं को एकजुट करना।

सनातन धर्म का केंद्रीय मार्गदर्शक प्राधिकरण बनना।

सनातन धर्म और अन्य पंथों के साथ सम्मेलन करना।

तीर्थ यात्रा का पवित्र स्थान बनना।

मिलजुल कर शांतिपूर्वक रहने का संदेश देना।

विश्व एक परिवार है" इस सनातन संदेश का प्रचार करना।

मुख्य विशेषताएं

area

भूमि 8,000 से 10,000 एकड़

river

मुख्य नदी के तट पर या नजदीक

transport

सड़क, रेल, हवाई अड्डे के आस पास

maps
univercity

सनातन धर्म व अन्य पंथों के अध्ययन के लिए विश्वविद्यालय

cilture

भारतीय संस्कृति, परंपराओं, त्यौहारों, रीती-रिवाजों , संगीत और नृत्य के अध्ययन के लिए विद्यापीठ

Gurukul

गुरुकुल

Wellness Center

वैलनेस केंद्र

Yoga Centers

योग केंद्र

accomadtion

तीर्थ यात्री निवास

पूर्णतः
शाकाहारी

आत्मनिर्भर

हरित, स्वच्छ व शुद्ध वातावरण वाला शहर

कुशल प्रबंधन

वरिष्ठ नागरिक

central Sanctorum

स्थल की पूर्ण एनिमेटेड वीडियो

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परियोजना का समय क्रम

Sr.No. Description 2022 2023 2024 2025 2026 2027 2028 2029 2030 2031 2032
1 Finalize Holy City project concept
2 Prepare PPT
3 Register Trust
4 Form Team
5 Get endorsements
6 Hold meetings with State & Central Govt.
7 Identify project sites
8 Sign agreement with State Govt.
9 Raise Funds
10 Acquire land
11 Finalize design
12 Start Infrastructure work
13 Project Construction

DONE

IN PROGRESS

YET TO START